दमकी टोला स्कूल में ₹40,000 की पुताई पर बवाल
जनता बोली – “बिल दिखाओ, नहीं तो जांच कराओ!”
ब्लॉक बुढार के अंतर्गत संकुल बलबहरा स्थित प्राथमिक विद्यालय दमकी टोला में करीब 15 दिन पहले हुई पुताई अब विवादों के घेरे में है। जानकारी के अनुसार, इस काम की लागत ₹40,000 बताई गई है, और आशंका है कि यह कार्य सीधे प्रधानाध्यापक के बेटे द्वारा करवाया गया।
अब ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बिल सार्वजनिक करने की माँग तेज कर दी है।
जनता की सीधी माँग: "बिल लाओ, हिसाब दो!"
गाँव के नागरिकों का कहना है:
अगर पुताई वास्तव में ₹40,000 की हुई है, तो उसका बिल क्यों छिपाया जा रहा है?
क्या यह वाकई कार्य हुआ है या फिर सिर्फ कागजों पर दिखाया गया है?
जनता का पैसा है – तो जवाबदेही भी जरूरी है।
“अगर काम असली है तो बिल भी सामने लाओ। दीवार पर चिपकाओ या अखबार में छपवाओ – ताकि गांव वाले खुद देख सकें कितना रंग और कितना भ्रष्टाचार हुआ।” – एक स्थानीय नागरिक
बिल सार्वजनिक करना क्यों जरूरी है?
यह जनता के टैक्स से प्राप्त सरकारी राशि का उपयोग है।
स्कूल, पंचायत और शिक्षा विभाग के पास इस खर्च का पूरा लेखा-जोखा होना चाहिए।
अगर बिल नहीं है या फर्जी है – तो यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग माना जाएगा।
गंभीर सवाल उठ रहे हैं:
1. ₹40,000 का पुताई बिल कहाँ है?
2. भुगतान किस तारीख को और किसके खाते में हुआ?
3. क्या पंचायत और जनपद से इस कार्य की पूर्व स्वीकृति ली गई थी?
4. क्या प्रधानाध्यापक ने पारिवारिक हित के लिए पद का दुरुपयोग किया?
💥जनता में उबाल, RTI की तैयारी:
गांव के लोगों ने तय किया है कि अगर 7 दिन के भीतर पुताई का पूरा हिसाब और बिल सार्वजनिक नहीं किया गया, तो सूचना के अधिकार (RTI) के तहत स्कूल और जनपद कार्यालय से पूरी जानकारी ली जाएगी।
“शिक्षा के मंदिर को भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बनने देंगे।”
ग्रामीण ने लिया गया संकल्प
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