टाइगर रिजर्वाें के कोर एवं बफर क्षेत्रों में वन्य जीवों की सुरक्षा एवं जन हानि रोकने संबंधी बैठक सम्पन्न
सर्पदंश से ग्रसित व्यक्ति को यथाशीघ्र नजदीकी ले जाएं स्वास्थ्य केंद्र
शहडोल 25 जून 2025- टाइगर रिजर्वाें के कोर एवं बफर क्षेत्रों में वन्य जीवों की सुरक्षा एवं जन हानि रोकने संबंधी बैठक कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में उत्तर वन मंडलाधिकारी तरूणा वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगो को वन्य जीवों से बचाव हेतु जागरूकता अभियान चलाए तथा वन्य जीवो के मूवमेंट होने पर ग्रामीणों को जानकारी दी जाए, उन्हें वन्य जीवों के आसपास नही जाने की समझाइश दी जाए। सामान्य तौर पर वन्य जीव टाइगर रिजर्वाें के कोर एवं बफर क्षेत्रों में भ्रमण करते है। इस दौरान लोग भयभीत होकर वन्य जीवों के आस पास एकत्र हो जाते है जिससे वन्य जीव आक्रमक हो जाते है। इन परिस्थितियों में दूर से उनके मूवमंेट पर नजर रखने तथा इसकी जानकारी वन विभाग के मैदानी अमले को दी जानी चाहिए। इसी तरह वन क्षेत्रो के कोर एवं बफर एरिया में बहुत से कुऐ ऐसे होते है जिनमें मुडेर अथवा फैसिंग नही होती है, रात के अंधरे में वन्य जीव इन कुओ में गिर जाते है कई बार उनकी जान भी चली जाती है इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे कुओ का चिन्हाकन कर मनरेगा मद से इन कुओ में मुडेर बनाने या फैसिंग करने की कार्यवाही की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्षाकाल आते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ जाती है। जन सामान्य को सलाह दी जानी चाहिए कि वे वर्षा ऋतु में विशेष सतर्कता बरतें। झाड़ियों, पुआल के ढेर, लकड़ी के गट्ठर आदि स्थानों में काम करने से पहले वहां डंडे या लाठी से हल्का प्रहार करें। अंधेरे में टॉर्च का उपयोग करें और बच्चों को बिना देखरेख खुले स्थानों पर न भेजें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियाँ काटें और कूड़ा-कचरा हटाएं। घरों की दीवारों में मौजूद दरारें बंद करें और खुले में सोने से परहेज़ करें। यदि किसी को सर्प ने डस लिया हो तो घबराएं नहीं, शरीर को शांत रखें और तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुँचें। घाव को चाकू से काटना, चूसना या उस पर कोई रसायन लगाना अत्यंत हानिकारक है। झाड़-फूंक, टोना-टोटका या तांत्रिक क्रियाओं में समय न गंवाएं। यह समय जीवन रक्षक हो सकता है, इसलिए हर क्षण अमूल्य है।
उन्होंने कहा कि सर्पदंश ग्रसित व्यक्ति को यथाशीघ्र नजदीकी अस्पताल ले जाएं। यदि संभव हो तो सांप का रंग, लंबाई या कोई चित्र याद रखें लेकिन उसे मारने या पकड़ने का प्रयास न करें, क्योंकि इससे और खतरा हो सकता है। कई बार सांप विषैला नहीं भी होता, पर उपचार में देर जानलेवा साबित हो सकती है। सभी नागरिकों से अपील है कि वे सर्पदंश से संबंधित इस आपदा को गंभीरता से लें। शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंध तभी प्रभावी होंगे जब नागरिक स्वयं भी सावधानी बरतेंगे, समय पर उपचार लेंगे और जागरूकता फैलाने में सहयोग करेंगे। संयुक्त प्रयासों से ही सर्पदंश से होने वाली जनहानि को नियंत्रित किया जा सकता है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मुद्रिका सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्री विजय सिंह, श्री वेदमणि मिश्रा सहित वन विभाग के मैदानी अधिकारी उपस्थित रहें।
0 Comments