स्वच्छता अभिमान" की खुली पोल! ग्राम पंचायत जमुनिया में गंदगी का साम्राज्य, व्यापारियों से वसूली, सुविधा शून्य
📍 स्थान: जनपद पंचायत बुढार की ग्राम पंचायत जमुनिया
🗓️ स्थिति: बेहद चिंताजनक, स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह फेल
ग्राम पंचायत जमुनिया में गंदगी और प्रशासनिक लापरवाही ने लोगों की ज़िंदगी को नारकीय बना दिया है। पूरे गांव में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, नालियाँ महीनों से साफ नहीं हुईं, और बारिश का पानी गलियों में जमा होकर बीमारियों को न्योता दे रहा है।
👉 सप्ताहिक बाज़ार बन गया नरक का नज़ारा
शनिवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार में व्यापारियों से बैठकी के नाम पर वसूली की जाती है — वो भी निर्धारित दर से ज़्यादा। लेकिन बदले में आसुविधाएँ? शून्य!
व्यापारी मजबूरन कचरे के ऊपर दुकान लगाते हैं, जहां मक्खियाँ, बदबू और कीचड़ उनका स्वागत करते हैं। यह कैसा न्याय है?
💬 गांव वालों की नाराज़गी
"स्वच्छ भारत का नारा तो सुना, लेकिन हमारे गांव में तो गंदगी ही गंदगी है।"
"पंचायत सिर्फ पैसा वसूलने में माहिर है, सेवा देने में नहीं।"
📌 सवालों की बौछार:
क्या स्वच्छता अभिमान सिर्फ कागज़ों में है?
पंचायत ने किस आधार पर स्वच्छता बजट का उपयोग किया?
व्यापारियों से वसूला गया पैसा आखिर गया कहाँ?
⚠️ जन-स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है:
बारिश के पानी में फैले कचरे से डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियाँ फैल सकती हैं। यदि समय रहते सफाई नहीं हुई तो यह एक बड़ी महामारी में बदल सकता है।
🗣️ मुख्यमंत्री से जनता की गुहार:
मुख्यमंत्री जी, आप स्वच्छता अभियान को पूरे प्रदेश में लागू कर रहे हैं — लेकिन आपकी ही योजना की धज्जियाँ आपके ही अधिकारियों की लापरवाही से उड़ रही हैं। ग्राम पंचायत जमुनिया इसका ज्वलंत उदाहरण है।
तत्काल विशेष सफाई अभियान चलाया जाए
बैठकी वसूली की जांच हो, गैरकानूनी वसूली पर कार्रवाई हो
व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएँ दी जाएँ
दोषी पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्यवाही हो
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