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गौशाला के नाम पर गोरखधंधा – गिरवा और लालपुर की भयावह सच्चाई

 गौशाला के नाम पर गोरखधंधा – गिरवा और लालपुर की भयावह सच्चाई

📍 स्थान: गिरवा और लालपुर, जिला शहडोल (मध्यप्रदेश)

मुख्य खुलासे:

➡️ गौशाला नहीं, जानवरों की कब्रगाह – गिरवा और लालपुर की गौशालाओं में क्षमता से कहीं अधिक जानवरों को ठूंसा जा रहा है। न साफ-सफाई, न इलाज, न देखभाल – ये निरीह जानवर दिनभर भूख-प्यास से तड़पते रहते हैं।

➡️ दिन में सिर्फ एक बार खाना – इतनी बड़ी संख्या में जानवर होने के बावजूद केवल एक बार भोजन दिया जाता है। कुपोषण के कारण मवेशियों की हालत गंभीर होती जा रही है।

➡️ मरे जानवर खुले में फेंके जा रहे – जानवरों की मौत के बाद उन्हें उठवाने की बजाय खुले में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। इन्हें नोच-नोचकर कुत्ते, चील और कौवे खा रहे हैं।

➡️ महामारी का खतरा मंडरा रहा – खुले में फेंके गए शव गांववासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुके हैं। संक्रमण फैलने की पूरी संभावना है लेकिन प्रशासन बेखबर बना हुआ है।

➡️ फंड गायब, ज़िम्मेदार लापता – गौशालाओं के नाम पर सरकारी फंड लिया जा रहा है, लेकिन उसका उपयोग जानवरों के लिए नहीं हो रहा। न कोई डॉक्टर आता है, न इलाज की व्यवस्था की जाती है।

📸 कैमरे में कैद हुई हकीकत – हमारी टीम जब मौके पर पहुंची तो कुछ जानवर बारिश में भीगते हुए तड़पते मिले, और कुछ खुले में मृत पड़े थे। चारों ओर बदबू, गंदगी और प्रशासनिक लापरवाही की मिसाल देखने को मिली

📢 तेज सवाल

👉 क्या गौशाला के नाम पर हो रहे इस गोरखधंधे पर प्रशासन की नजर नहीं?

👉 जानवरों की मौतों का जिम्मेदार कौन?

👉 कब होगी जांच? कब रुकेगा यह अमानवीय व्यवहार?

(पूरी खबर अगले एपिसोड मे)

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