ना बिल दूंगा ना ही सामान दूंगा
शहडोल जैसा की शासन की मंशा है कि किसी भी वस्तु को खरीदते समय उसका बिल अथवा रसीद अवश्य लें ताकि यदि भविष्य में उसे समान अथवा सामग्री में किसी भी तरह की कोई शिकायत आती है तो उसके लिए उपभोक्ता अपनी शिकायत संबंधित विभाग अथवा दुकान को कर सके जो एक उपभोक्ता का अधिकार माना जाता है जो कि उपभोक्ता अधिनियम संरक्षण के अंतर्गत आता है परंतु हाल ही में शहडोल के प्रतिष्ठित व्यापारी बालाजी ट्रेडर्स बुढार रोड हीरो होंडा शोरूम के सामने संचालित है जहां पर एक साधारण उपभोक्ता के द्वारा समान मांगा गया जिस पर उपभोक्ता के द्वारा भुगतान किया जा रहा था निर्धारित दर के अनुसार परंतु जब उसका पक्का बिल जीएसटी की मांग की गई तो पहले तो दुकान के संचालक ने कुछ और रेट अथवा दर बताया लेकिन जीएसटी बिल की मांग पर रेट को बढ़ा दिया कि यदि आप बिल लेंगे तो ज्यादा पैसों का भुगतान करना पड़ेगा इस पर भी उपभोक्ता तैयार हो गया फिर भी दुकान संचालक अथवा विक्रेता के द्वारा बिल देने से इनकार कर दिया गया कि हम पक्का बिल जीएसटी आपको नहीं दे पाएंगे और उपभोक्ता से सामान वापस छीनकर उनका पैसा लौटा दिया गया और यह भी कहा गया कि यह आप ठीक नहीं कर रहे हैं जो की ओरिजिनल बिल की मांग कर रहे हैं परंतु इस सभी घटना को उपभोक्ता यानी ग्राहक के द्वारा अपने फोन पर सारी घटना को रिकॉर्ड किया गया आश्चर्य का विषय यह है कि कोई भी दुकानदार अथवा विक्रेता किसी भी सामान का बिक्री करता है तो निश्चित तौर पर वह कहीं ना कहीं से खरीद कर ही लाया होगा जब वह खरीद कर लाया है तो उसे बिक्री करते समय बिल देने में क्या आपत्ति है इससे यह साफ जाहिर होता है कि बिल न देने पर विक्रेता के द्वारा विभिन्न प्रकार के टैक्सों की चोरी की जाती है अथवा छिपाया जाता है इससे यह साफ जाहिर होता है कि शासन के रेवेन्यू की भारी मात्रा में चोरी होती है अथवा छिपाया जाता है यह तो एकमात्र प्रकरण है जो प्रकाश में आया है यदि निष्पक्ष जांच विभाग के द्वारा की जाए तो निश्चित तौर पर इनकी खरीदी और बिक्री में भिन्नता नजर आएगी क्योंकि टैक्स की चोरी करने के लिए यह खरीदी कुछ और दिखाते हैं और बिक्री कुछ और दिखाते हैं कई ऐसे मामले शहडोल में ही इसके पहले आ चुके हैं जिसमें संबंधित विभाग के द्वारा भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया था उक्त उपभोक्ता के द्वारा इस घटना कि तत्काल शहडोल जिला मुख्यालय के जीएसटी ऑफिस में लिखित में शिकायत की गई है जो शिकायत दिनांक 20/5/ 2024 को जीएसटी कार्यालय shahdol प्रादेशिक और स्टेट जीएसटी को की गई परंतु आज दिनांक 28/5/24 में तक कोई कार्रवाई नहीं की गई इससे साब जाहिर होता है कि एक तरफ तो देश और प्रदेश में उपभोक्ता संरक्षण और उपभोक्ता के हित में अभियान चला कर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है और यदि कोई उपभोक्ता इस तरह की जागरूकता से प्रभावित होकर संबंधित शोषण होने की शिकायत उपभोक्ता के हित में बनाए गए विभागों से शिकायत करता है तो उसे ठंडे बस्ती में डाल दिया जाता है और संबंधित अधिकारी उस विक्रेता से सहानुभूति दिखाने का प्रयास करते हैं ना की उचित कार्रवाई करने की जगह देखना यह है कि इस मामले पर प्रदेश जीएसटी और केंद्र जीएसटी इस पर क्या कार्यवाही करती है या फिर व्यापारी के हित में कार्य करना पसंद करेगी
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