एमसीयू के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय मीडिया में दिया ऐतिहासिक योगदान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
समाज का छपे हुए शब्दों पर भरोसा कायम : डॉ. कुमार विश्वास
विद्यार्थी अपने अभिभावकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करें : कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी.
दादा माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा का अनावरण
भोपाल 20 अगस्त। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने पिछले पैंतीस वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। यहां से शिक्षा प्राप्त पत्रकारों ने मीडिया की दुनिया में मानक स्थापित किए हैं। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के अकादमिक सत्र 2025-2026 का सत्रारंभ समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। इस मौके पर प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास, विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी, राज्य शासन में मंत्री कृष्णा गौर, महापौर मालती राय, विधायक भगवान दास सबनानी, रामेश्वर शर्मा, उमाकांत शर्मा, जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे़ विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने दादा माखनलाल चतुर्वेदी की 12 फीट उंची प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस दौरान अतिथियों ने परिसर में पौधरोपण भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समाज के संचालन में पत्रकारों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद आदि पत्रकार हैं जिनके जीवन और कार्यव्यवहार से हमें ज्ञात होता है कि अगर पत्रकारिता में लोककल्याण का भाव होगा तो पत्रकारिता बेहतर होगी। मुख्यमंत्री ने रामायणकाल में हनुमानजी को भी एक खोजी पत्रकार के बतौर महत्वपूर्ण संदेश देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय की साख पूरे देश में है। माखनलाल चतुर्वेदी जी की पत्रकारिता से जुड़े रतौना प्रसंग तथा ब्रिटिश हुकूमत की क्रूरता पर चर्चा करते हुए डॉ यादव ने कहा कि एमसीयू ने आज भी उस परंपरा को जीवित रखा है।
समाज का छपे हुए शब्दों पर भरोसा कायम : डॉ. कुमार विश्वास
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जाने माने कवि और रामकथा विशेषज्ञ डॉ. कुमार विश्वास ने नवागत विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे एक चुनौतीपूर्ण व्यवसाय में प्रवेश कर रहे हैं जिसकी सबसे बड़ी अनिवार्यता विश्सनीयता है। उन्होंने कहा कि समाज का आज भी छपे हुए और बोले हुए शब्दों पर भरोसा कायम है। इस विश्वास को कायम रखना आने वाली पत्रकार पीढ़ी की जिम्मेदारी है।
मुख्य वक्ता जाने-माने कवि डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि देश की पत्रकारिता में पिछले 10-11 वर्षों में बहुत अंतर आया है। आज मीडिया में थोपे गए विषय नेपथ्य में जा रहे हैं और देश तथा समाज से जुड़े जो अहम विषय पहले नजरअंदाज कर दिये जाते थे आज वे पत्रकारिता में प्रमुखता से नजर आने लगे हैं। डॉ. विश्वास ने कहा कि किसी विचार को केंद्र में रखते हुए भी तटस्थ होकर लिखना ही पत्रकारिता है। पत्रकारिता के युवा विद्यार्थी परम्परा से पत्रकारिता के पाठ सीख सकते हैं। भारत के ज्ञान और उसकी परंपरा के प्रति किसी भी प्रकार की ग्लानि का भाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने रामायण से जुड़े अनेक प्रसंगों में संचार के महत्व तथा हनुमान जी, अंगद की निर्भीकता, तटस्ठता, समर्पण जैसे गुणों को पत्रकारिता के संदर्भों में समझाया। विद्यार्थियों को अपने संदेश में उन्होंने कहा कि युवा अध्ययनशील बनें और नैतिकता के साथ कार्य करते हुए राष्ट्रधर्म को सर्वोच्च रखें।
सत्रारंभ के पहले दिन साफ्ट स्किल्स पर संवाद करते हुए वरिष्ठ संपादक और लेखक एन. रघुरामन ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए लोगों से व्यवहार करने का कौशल,पूर्वाग्रहों से मुक्त रहना, क्रोध को काबू में रखने के कौशल जैसे गुण बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में सॉफ्ट स्किल्स एक आवश्यक गुण है। इसके बाद एनिमेशन की दुनिया से जुड़े वरिष्ठ फिल्मकार तथा विशेषज्ञ श्री आशीष कुलकर्णी ने एआई के दौर में बदलती तकनीकों पर संवाद किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हर कार्यक्षेत्र में तकनीक का समावेश हो चुका है। आने वाले दौर में मीडिया में वीडियो, वर्नाकुलर (क्षेत्रीय कंटेंट) और वाइस का बहुत योगदान बढ़ने वाला है। श्री कुलकर्णी ने कहा कि तकनीक परिवर्तनशील होती है इसीलिए युवाओं को चाहिए कि वे अपने बुनियादी ज्ञान को बेहतर बनाएं।
आज के अलग-अलग सत्रों में विश्वविद्यालय की पूर्व छात्राओं निधि परमार, जूही कुलश्रेष्ठ तथा स्वाति कौशिक ने भी विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन और अनुभवों से जुड़े विचार साझा किए। उद्घाटन सत्र में श्री विनय उपाध्याय तथा बाद के सत्रों में प्रो. सीपी अग्रवाल, डॉ. अविनाश वाजपेयी तथा डॉ. अनीता सोनी ने संचालन किया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र के बाद आभार विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. डॉ. पी.शशिकला ने किया।
कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी ने नवागंतुक विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि वे निरंतर अध्ययन करते रहें तथा अपने अभिभावकों की आशाओं पर खरा उतरने का प्रयास करें। कुलगुरू ने यह भी कहा कि आगामी समय में विश्वविद्यालय एआई, डीप फेक और साइबर सिक्योरिटी जैसे नए विषयों पर नए पाठ्यक्रम आरंभ करेगा। कुलगुरू श्री तिवारी ने कहा कि एमसीयू में देश की अग्रणी समाचार पत्रों द्वारा दुर्लभ घटनाक्रमों के कवरेज से जुड़े प्रथम पृष्ठों की एक गैलरी परिसर में स्थापित की है।
कुमार विश्वास उवाच
• देश में आज भी छपे और बोले गए शब्दों पर लोगों का भरोसा कायम है। इसलिए पत्रकारिता की विश्वसनीयता सबसे बड़ा सवाल है। इसके लिए जिंदगी लगा दें।
• यह कहना सबसे बड़ा झूठ है कि हम जनता की पसंद का कंटेंट देते हैं। लोकरूचि के नियामक हम हैं। अपने पाठकों की रूचि बनाना भी हमारा काम है।
• विचार और पत्रकारिता के बीच का अंतर नारद बताते हैं। वे नारायण भक्त हैं, किंतु उनके दरबार में भी सच बोल सकते हैं।
• हमारे विचारों पर पश्चिम की बहुत गहरी छाया है। हमें आज भी लगता है कि जो कुछ अच्छा है वह पश्चिम से आया है। अब अंदर झांकने का समय है। भारत के ज्ञानबोध के प्रति ग्लानि से मुक्त होना जरूरी है।
• किसी कस्बे में बैठा पत्रकार स्थानीय थानेदार से अन्यान्य कारणों से रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहता वह ठीक है। किंतु दिल्ली में बैठकर अनूकूल आकाओं के लिए लिखने वालों को क्षमा नहीं किया जा सकता। अपने विचारों से तटस्थ होकर लिखना ही पत्रकारिता है।
• जिन्हें अच्छा पत्रकार बनना है, वे कम से कम तीन साल प्रिंट मीडिया में लगाएं। इससे आप भाषा का संस्कार और सार्थक उपयोग सीख पाएंगे।
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